Sunday, October 28, 2007

चादर,संगती


सिंगापुर सत्संग के दौरान आरती।

जीवन के लिए जो चादर मिली है ओढ़ने पर कभी सिर नंगा तो कभी पैर नंगा। इसलिए थोडा हाथ पैर सिकोड़कर सो जाओ यही जीने की विधि है।

सुसंगत मिलने का अर्थ है कि क्रृपाए प्राप्त होने वाली हैं और जब कुसंगति मिल जाय तो समझिए कि कोई बड़ा दुर्भाग्य जाग गया।


No comments: