Sunday, October 28, 2007

चादर,संगती


सिंगापुर सत्संग के दौरान आरती।

जीवन के लिए जो चादर मिली है ओढ़ने पर कभी सिर नंगा तो कभी पैर नंगा। इसलिए थोडा हाथ पैर सिकोड़कर सो जाओ यही जीने की विधि है।

सुसंगत मिलने का अर्थ है कि क्रृपाए प्राप्त होने वाली हैं और जब कुसंगति मिल जाय तो समझिए कि कोई बड़ा दुर्भाग्य जाग गया।


Monday, October 22, 2007

कर्म शांति अंहकार

शांति की प्राप्ति का सही रास्ता कर्मों का त्याग नहीं ,वरन कर्मों का सही रूप से सजगता पूर्वक करना है।

The real path to happiness is not in the abondonment of karma, but in performig them with Awareness। karma means your assigned work.

अंहकार की टंकार से प्रतिकार उत्पन्न होता है।

Ego is the root cause of all troubles , let ego go , gone our all troubles।

Thursday, October 18, 2007

Black Ink, doubts, love

** Just as blank ink, in its flow, acquires various shapes; mind, likewise, due to ignorance, assumes different forms।

जिस प्रकार काली स्याही बहकर कोई भी आकार धारण कर लेती है ,उसी प्रकार मन अज्ञानता में बहकर दु:ख आकार -प्रकार धारण कर लेता है !

** At the feet of the Guru doubts are cleared and self experience with yhe guru is shared.

गुरू चरणों में बैठ कर शिष्य करता है शंका समाधान। संशय निवृत कर निज अनुभव में लाता है आत्मज्ञान।

** Love is the manifestation of the self -illumined.

आत्मा प्रकाश है और प्रेम विकास।